एक मुहूर्त है तू
कहाँ है तू ? कहाँ है तू ? कहाँ है तू ?
मालिक मेरे, किधर है तू, नहीं मुझे खबर,
डगर-डगर ढूंढे तुझे, भटक-भटक मेरी नजर।
सवांरता, बनाता तू तक़दीर की लकीरों को,
भरता है रंग, जोड़कर टूटी हुई तस्वीरों को,
फूलों औ भंवरों में जो होता, मुहब्बत वही है तू ,
कहाँ है तू ? कहाँ है तू ? कहाँ है तू ?
हमें तेरी जरुरत है, कहाँ है तू ?
दुनिया करती वो जो पहले से तूने तय किया है,
जख्म देके मरहम भी, तूने ही तो दिया है,
दुल्हन के हाथों लगी मेहँदी की चटक सुर्ख रंग है तू ,
कहाँ है तू ? कहाँ है तू ? कहाँ है तू ?
हमें तेरी जरुरत है, कहाँ है तू ?
समंदर के गर्भ में तूफ़ान की, आहट जब आती है,
लहरें किनारे से मिलके, पाँव उसके धोती हैं,
मझधार में नैय्या को हवा, उछाल-उछाल झुलाती हैं,
रहता है इन्तजार सभी को, वही एक मुहूर्त है तू ,
कहाँ है तू ? कहाँ है तू ? कहाँ है तू ?
हमें तेरी जरुरत है, कहाँ है तू ?
क.बो.
कहाँ है तू ? कहाँ है तू ? कहाँ है तू ?
मालिक मेरे, किधर है तू, नहीं मुझे खबर,
डगर-डगर ढूंढे तुझे, भटक-भटक मेरी नजर।
सवांरता, बनाता तू तक़दीर की लकीरों को,
भरता है रंग, जोड़कर टूटी हुई तस्वीरों को,
फूलों औ भंवरों में जो होता, मुहब्बत वही है तू ,
कहाँ है तू ? कहाँ है तू ? कहाँ है तू ?
हमें तेरी जरुरत है, कहाँ है तू ?
दुनिया करती वो जो पहले से तूने तय किया है,
जख्म देके मरहम भी, तूने ही तो दिया है,
दुल्हन के हाथों लगी मेहँदी की चटक सुर्ख रंग है तू ,
कहाँ है तू ? कहाँ है तू ? कहाँ है तू ?
हमें तेरी जरुरत है, कहाँ है तू ?
समंदर के गर्भ में तूफ़ान की, आहट जब आती है,
लहरें किनारे से मिलके, पाँव उसके धोती हैं,
मझधार में नैय्या को हवा, उछाल-उछाल झुलाती हैं,
रहता है इन्तजार सभी को, वही एक मुहूर्त है तू ,
कहाँ है तू ? कहाँ है तू ? कहाँ है तू ?
हमें तेरी जरुरत है, कहाँ है तू ?
क.बो.